सभी समस्याओं का तुम जो समाधान पाना चाहो
पढ़ों महर्षि दयानन्द का अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश|
१.वेद शास्त्र का सार है इसमें,धर्म कर्म व्यवहार है इसमें
निराकार ईश्वर की पूजा,भक्तिभाव और प्यार है इसमें
यह है ऐसा बिगुल कि जिसस गूंज उठे धरती आकाश
पढ़ों………….
२.दिल का दर्पण धुल जाएगा,बन्द दरवाजा खुल जाएगा
पुण्य पाप और सत्य झूठ का लेखा-जोखा तुल जाएगा
करें सभी अन्धविश्वासों और पाखण्डों का सत्यानाश
पढ़ों……………
३.कायरता को हर लेता है, जीवन शक्ति भर देता है
कायाकल्प करें सबका यह चमत्कार ही कर देता है
मुर्दा दिल भी जी जाते है फिर होवें न
कभी हताश
पढ़ों……………..
४.हसते-मुस्कुरातें देखे है ,जुल्मों से टकराते देखे है
हमनें इसको पढ़ने वाले,फांसी भी खाते देखे
है
पथिक कहीं भी किसी दशा में
पलभर होते नहीं निराश
पढ़ों………………
from Tumblr http://ift.tt/1EN6llh
via IFTTT
No comments:
Post a Comment