Monday, February 23, 2015

=> हरिवंशराय बच्चन जी की एक खूबसूरत कविता„ "रब" ने. नवाजा हमें. जिंदगी. देकर; और. ...

=> हरिवंशराय बच्चन जी की एक खूबसूरत कविता„


"रब" ने. नवाजा हमें. जिंदगी. देकर;

और. हम. “शौहरत” मांगते रह गये;


जिंदगी गुजार दी शौहरत. के पीछे;

फिर जीने की “मौहलत” मांगते रह गये।


ये समंदर भी. तेरी तरह. खुदगर्ज़ निकला,

ज़िंदा. थे. तो. तैरने. न. दिया. और मर. गए तो डूबने. न. दिया . .


क्या. बात करे इस दुनिया. की

“हर. शख्स. के अपने. अफसाने हे”


जो सामने. हे उसे लोग बुरा कहते हे,

जिसको देखा नहीं उसे सब “खुदा” कहते है….🙏🙏




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