आज का भगवद चिन्तन
10-6-2017
आत्मा को परमात्मा ने स्वयं से मिलने के लिए मन बुद्धि से संयुक्त कर मानव का शरीर देकर इस संसार में भेजा। इस वास्ते 9 मास तक जीव गर्भ में उल्टा लटका लेकिन संसार में आकर ऐसा भटका मोह माया की खटपट में अटक गया मीट मांस मदिरा सब कुछ गटक गया नट की तरह जीवन की पतली रस्सी पर लटक गया खाता रहा झटका मृत्यु भय का सताता रहा खटका कभी इधर पटका कभी उधर पटका।
जो सजग था संयमित था लक्ष्य पर केंद्रित था वह मटक गया।😊(पार गया)
जो प्रतिकूल था वह पटक गया।😭(मारा गया)
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
न लटक पटक न खटक कहीं,
न भटक झटक न अटक कहीं।
हो विमल केंद्र को निश्चित कर,
बढ़ता चल सर न पटक कहीं।।
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