वो दिन स्वर्णिम इतिहास का प्रारम्भ होगा जिस दिन संघ आर्य समाज के साथ बैठ कर हिन्दू समाज की एकता और अखंडता पर कार्य करेगा.. विभिन्न रोगों से पीड़ित हिन्दू समाज के रामबाण उपचार वेद पर अनुसन्धान विषयक रूपरेखा बनेगी… संपूर्ण भारतीय समाज तन मन धन से इस यज्ञ में आहुति देगा..
संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम् देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते ||
समानो मन्त्र: समिति: समानी समानं मन: सहचित्तमेषाम् समानं मन्त्रमभिमन्त्रये व: समानेन वो हविषा जुहोमि ||
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