सनातनी मनीष जी ।इस जगत में जड़ और चेतन दोनों में ऊर्जा है ।जड़ सूर्य याने अग्नि से व् चेतन परमात्मा से ऊर्जा पाता है । जड़ से जड़ की ऊर्जा उतपन्न होती है , जैसे सूर्य जड़ है जड़ वस्तु पर उसकी ऊर्जा देखी ,छुई व् अनुभव की जा सकती है । जैसे छूकर गर्मी ,ठंडी का अनुभव देखकर प्रकाश कम्पन इत्यादि । कोई भी वस्तु बिना ऊर्जा की नहीं है ।जितनी आप मूर्ति या मंदिर में ऊर्जा की बात कर रहे है वैसी ही ऊर्जा घर व् किसी भी पत्थर अथवा लकड़ी पर भी होती है ।
अब रही चेतन ऊर्जा तो वो हर चेतन याने जीवित प्राणी में होती है इसी लिए चेतन प्राणी पेड़ पौधे इत्यादि भी जन्मते, बढ़ते व् समाप्त होते हैं यह सब चेतन ऊर्जा का ही काम है ।
अब रही बात की मूर्ति में भगवान है कि नहीं ? और मूर्ति पूजन से भगवान प्राप्त हो सकते है अथवा नही । इस विषय पर वार्तालाप हो सकती है । ज्ञान वृद्धि के लिए प्रश्नोत्तर जरूरी है ।पूर्वाग्रसित होकर प्रश्नोत्तर नहीं हो सकते ।एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनना व् फिर प्रत्युत्तर सभी को करना चाहिए । धन्यवाद ।
हम सब एक ही परमेश्वर की संतान हैं फिर गाली गलौज क्यों ।
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