देशबन्धश्चित्तस्य धारणा||~योग दर्शन~ विभूति पाद~सूत्र~1~~~~~~~~~~~~पद्यानुवाद~~🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺देश विशेष में चित्त बाँधना, कहलाती है यही धारणा | मन को एकदम स्थिर करके,, नाक, नाभि, उर, मस्तक धरना| आओ बनकर विमल सुमन हम, धारणा का अभ्यास बढ़ाएं| उत्तम साधक बनने हेतु, योग की डोर पकड़ चढ़ जाएँ||👏
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