भगवान…..
आज की बात है जब हम अपनी छ वर्षीय पोती को छुट्टी के बाद गाड़ी में बिठा कर घर की तरफ चले तो वह मुझे बोली. बाबा जी आज हमको मैडम बस में बिठा कर मंदिर ले गई थी.
मैने पूछा वो क्या होता है बेटी?
उसका जवाब था.. वहां भगवान रहता है व हमारी मैडम बता रही थी कि सब जगह सारे काम वो ही करता है.
मैने पूछा जैसे कोई काम बताओ..?
वो बोली जैसै सूरज से दिन निकालना , बारिश करना, और हमारे भी सारे काम.
मैने कहा ठीक बताया होगा आपकी मैम ने.
पर फिर वो बोली पर बाबा जी… पर वो तो एक ही जगह बैठा है. जब हम सब आऐ तो एक व्यक्ति ने भगवान के घर पर बाहर से ताला लगा दिया. वो तो अपना घर का दरवाजा भी अपने आप नही बंद कर सकता. और उसके घर पर तो बाहर से ताला लगा कर बंद कर दिया. तो मुझे तो लगा कि वो नकली भगवान है. तब वो बाकी सभी काम कैसे करता होगा?
बाल मन… का प्रश्न..
तब मैने उसको बहुत ही प्यार से बोला हां बेटी आप ने सही कहा.
वो असली भगवान नही है.
भगवान तो हर जगह है.
आप में भी हम में भी हर वस्तु वस्तु में.
तब फिर उसका प्रश्न था.. अगर वो हर जगह है तो
वो दिखता तो है नही कहीं.
तब तक हम जहां वो वापिसी में मेरे साथ जूस पीती है वो दुकान आ गई.
हम कुर्सी पर बैठ गए. व दुकानदार ने दो गिलास जूस दे दिया. मेरे गिलास में हल्का नमक व पोती के गिलास में मीठा डाल कर.
मैने पोती से पूछा बेटा जूस कैसा लगता है आपको.
वो बोली मीठा. तब मैने कहा कि आज मेरे गिलास में से भी एक घूंट जूस पियो.
उसने पिया तो वो बोली अरे यह तो नमकीन है बाबा जी.
मैनें कहा बेटा देखने से तो पता नही लगा. एक गिलास में मीठा जूस एक में नमकीन..
वो बोली हां पी कर पता लगा.
तब मैने उसको समझाया सच बेटा भगवान जैसे जूस को देखने से नही पीने से ही महसूस किया कि मीठा है ठीक वैसे ही भगवान को भी देखा नही महसूस किया जा सकता है.
हां बेटा जिसको ताले में बंद कर दिया है वो सच ही नकली का भगवान है. भगवान को किसी मंदिर मस्जिद में बंद नही किया जा सकता वो हर जगह है.
हां बाल मन को सही ठंग से समझाने के लिए हमें ऐसे ही प्यार से सही जानकारी देनी चाहिए.
हां अगर हम उसके प्रश्नो को टाल देते या कठिन शब्दावली में अपना ज्ञान देने की कोशिश करते तो शायद उसके साथ अन्याय
होता. …… जयदेव आर्य
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