मॆनॆ ढुंढा अपना शरीर
वामॆ पाया अलख अमिर
मांइ मॆ ताॆ बन गया फकिर जी
✺प
जनमाॆ जनम का मॆल चडिया
धॆाबी मीलीया पीर जी
घर्म घाट पॆ दॆ पछाडा
नहाया निरमळ निर
मांइ मॆ ताॆ बन गया फकिर जी
✺र
अल्लाहु का जाप जपीया
तब ताॆ आइ धीर जी
नुरता सुरता ऎक किनी
हुवा मनवा स्थीर
मांइ मॆ ताॆ बन गया फकिर जी
✺ब
बिन बादल ऎक बिजली चमकॆ
जरमर बरसॆ निर जी
अनहद निशदिन नाॆबत बाजॆ
ग्नान घर हॆ गंभीर
मांइ मॆ ताॆ बन गया फकिर जी
✺त
सुरता सुनमॆ आंय ठॆहरी
अवघट घाट कॆ तीर जी
तन काॆ ताॆडा मन काॆ जाॆडा
कंचन हुवा हॆ शरीर
मांइ मॆ ताॆ बन गया फकिर जी
✺
डुंगर चडीया दॆखी मढीया
भया मॆ शुरविर जी
दास सत्तार गुरु क्रिपा सॆ
अमर हुइ जागीर
मांइ मॆ ताॆ बन गया फकिर जी
✺टाइपींग~परबत गाॆरीया✺
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