#Poor_Hindus
केरल की वामपंथी सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसके बाद केरल के सभी मंदिरों में जो भी नियुक्तियाँ होंगी वह PSC (Public Service Commission) की परीक्षा के जरिये होंगी…
मंदिरों की संपत्ति और प्रशासनिक नियंत्रण को पूरी तरह अपने हाथ में रखने की दिशा में यह एक और कदम है… इससे पहले पिछली काँग्रेस सरकार ने मंदिरों के रखरखाव और प्रबंधन करने वाले “देवस्वाम बोर्ड” की शक्तियों को कम करने हेतु एक विधेयक लाया था… यानी कदम-दर-कदम पद्मनाभ, गुरुवायूर, त्रावणकोर सहित केरल के लगभग 3000 से अधिक मंदिर, उनका प्रबंधन, रखरखाव और उनकी संपत्ति पूरी तरह से सरकारों के अधीन हो जाएगी…
जैसा कि सभी जानते हैं, सरकार का नियंत्रण केवल और केवल मंदिरों पर ही होता है, मस्जिदों अथवा चर्च पर नहीं. मंदिरों की दानपेटी से पैसा लेकर दूसरे कामों में लगाया जाता है, ट्रस्टी बोर्ड में कई बार “गैर-हिन्दू” भरे जाते हैं… जबकि मस्जिदों और चर्च को सरकारी अनुदान सहित बिना किसी सरकारी दखलंदाजी के मौज करने की पूरी छूट है….
(नोट :- प्रत्येक राजनैतिक दल अपने वोट बैंक को खुश करने अथवा विरोधी वोट बैंक को हताश करने के लिए कदम उठाने में लगा हुआ है…- सिवाय भाजपा के… क्योंकि भाजपा को यह मुगालता हो गया है कि उसे जो 31% वोट मिला है, वह “केवल विकास” के लिए मिला है…)
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(P)Secularuim !!! - My Foot…
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