मंडल कमीशन की रिपोर्ट : भारत का विशालतम फर्जीवाड़ा 👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽
मंडल कमीशन की रिपोर्ट पढ़ रहा हूँ. 200 प्रतिशत फर्जीवाड़ा है ये दस्तावेज़. दिल्ली के aircondition कमरे मे बैठकर तैयार की गई. पता नहीं किसी ने आज तक इसको ध्यान से क्यों नहीं पढ़ा? परिणाम पहले से रेडीमेड था, बाकी डाटा की खानापूर्ति बाद में की गई.
मसलन डाटा मांगा गया Sample Survey का 1 प्रतिशत, लेकिन समय कम होने का हवाला देते हुये हर जिले के मात्र 2 गांव और एक कस्बे की सैम्पलिंग हुई. एक जिले के मात्र 2 गाँव का सर्वे पर्याप्त है? और वो भी, कुल अवधि सर्वे के टीम के गठन से उसके रिज़ल्ट के दाखिले की मात्र 5 महीने.
24 सितम्बर 1979 में पहली बैठक लखनऊ में होती है और 6 मार्च 1980 तक सर्वे के देश भर से आंकड़े तैयार.
इसमें राज्य के statistics ऑफिसर से जिले के ऑफिसर और फिर गाँव में सर्वे करने वाले की ट्रेनिंग का समय भी इसी काल अवधि के बीच है.
क्या मज़ाक है ?
मसलन रिपोर्ट में लिखा है कि ब्रिटिश भारत में जाति के आधार पर जनगणना 1881 से 1931 तक हुई. जबकि जातिगत जनगणना पहली बार 1901 में हुई थी.
H H Risley ने एंथ्रोपोलोजी और nasal base index को आधार बनाकर सोशल Hierarchy तय की थी. मसलन फर्जी गढ़ी हुयी कहानी आर्यन invasion theory , जिसको डॉ अंबेडकर ने 1946 में ही नकार दिया था, उसका समावेश करते हुये लिखा गया कि 3 ऊंचे वर्ण 3 Dominant Caste हैं?
वर्ण और जाति एक ही चीज है?
caste पुर्तगाली शब्द Castas से उद्धृत है इसको बाकायदा परिभाषित किया गया है Imperial Guzzetear Of India में.
जबकि संस्कृत ग्रन्थों के अनुसार जाति का अर्थ सुमन और मालती नामक दो पुष्प और सामान्य जन्म भर है इसको कैसे forward और backward को परिभाषित कर पाएंगे?
और वही रिसले People Of India में लिखता है कि आर्य (ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य), जो गोरे रंग के थे, आए और यहाँ के Aborigines की स्त्रियॉं को रखैल बनाया या शादी की, जिससे जातियों का जन्म हुआ? ये गाली बर्दाश्त करने लायक है?
जबकि वर्ण का अर्थ है सामाजिक कार्यों का वर्गीकरण और वो भी स्वधर्म यानि अपने प्रवृत्ति के अनुसार वृत्ति का चुनाव क्योंकि जब कौटिल्य लिखते हैं कि यदि एक माँ के चार पुत्र हो और उनमें से एक ब्राह्मण वृत्ति चुने, एक क्षत्रिय वृत्ति चुने, एक वैश्य वृत्ति चुने और एक शूद्र वृत्ति, तो संपत्ति के बँटवारे के समय ब्राह्मण को बकरी, क्षत्रिय को अश्व, वैश्य को गाय और शूद्र को भेड़ दी जाना चाहिए. ये कौटिल्य का GO (शासनादेश) है.
इसीलिए कह रहा हूं कि फर्जी Aryan Invasion theory हमारे संविधान का हिस्सा बन चुका है. ये साज़िश गोरे अंग्रेजों ने रची और काले गुलाम अंग्रेज़ उसको आज भी ढो रहे हैं.
भारत का विशालतम फर्जीवाड़ा.
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