Thursday, March 24, 2016

कल ओवैशी का बयान सुनने के बाद कलम चल ही गयी, घाटी में गैरो के झंडे, हमसे सहन नहीं होते, अफजल हम...

कल ओवैशी का बयान सुनने के बाद कलम चल ही गयी,

घाटी में गैरो के झंडे,
हमसे सहन नहीं होते,
अफजल हम शर्मिंदा है,
ये नारे वहन नहीं होते।

गांधीजी बनने की कोशिश अब,
बंद करो तुम मोदी जी,
ना सहन करो गद्दारो को,
अब द्वन्द करो तुम मोदी जी।

अभिमन्यु को कौरव दल के,
चक्रव्यूह में घिरने दो,
खुला छोड़ दो सेना को,
सरकार गिरे तो गिरने दो।

भगतसिंह की पुण्यतिथि पर,
लाल रंग की होली हो,
जो भारत माता की जय ना बोले, उसकी छाती में गोली हो।


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