Friday, March 25, 2016

ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना गान विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव। यद्भद्रन्तन्न आसुव।। सकल...

ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना गान

विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव।
यद्भद्रन्तन्न आसुव।।

सकल जगत् के उत्पादक हे,
हे सुखदायक शुद्ध स्वरूप।
हे समग्र ऐश्वर्ययुक्त हे,
परमेश्वर हे अगम अनूप।।
दुर्गुण दुरित हमारे सारे,
शीघ्र कीजिए हमसे दूर।
मंगलमय गुण-कर्म-शील से,
करिए प्रभु हमको भरपूर।। 1।।


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