वासन्ती नवसस्येष्टि होल्कोत्सव पर शहीदों को किया याद
*आर्य समाज ने मनाया होली मिलन पर्व *
महरोनी(ललितपुर) महर्षि दयानन्द सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज के तत्वाधान में नव सस्येष्टि यज्ञ (होल्कोत्सव पर्व )एवं शहीदों का बलिदान दिवस वैदिक रीति से मनाया गया ।जिसमें सर्व प्रथम वैदिक ब्रह्म एवं देव यज्ञं शिक्षक डी.एल.यादव के मुख्य यजमान में सम्पन्न हुआ।
आर्य समाज के प्रधान पंडित पुरूषोत्तम नारायण दुबे आर्य ने कहा कि होली पर्व का मुख्य उद्देश्य सारे मानव समूह का एक रंग में रंग जाना अर्थात चारों वर्ण ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र उंच-नीच का भेद भाव भुलाकर आपसी सौहार्द्र व् भाई चारे के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता दे।
आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य मंत्री ने कहा कि हुतात्मा शहीदे आजम भगत सिंह का जन्म लायलपुर जिले (अब पकिस्तान)के बंगा नामक गाँव में 28 सितम्बर 1907 को आर्य समाजी परिवार व् देशभक्त क्रन्तिकारी सरदार किशन सिंह के यहाँ हुआ था।
वही पंजाब में क्रांतिकारी आन्दोलन की आत्मा सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 के दिन नौघारा जिला लुधियाना में लाला रामलाल व् माता रल्ली देई के यहाँ हुआ था।
23 मार्च 1931 को लाहौर सैंट्रल जेल में क्रान्तिकारी वीरों की जिस त्रिमूर्ति को फांसी देकर अंग्रेजी सरकार ने अमर बना दिया था , उसमें भगत सिंह और सुखदेव के साथ शिवराम हरि राजगुरु भी थे ।ये तीनों ही अपने ढंग के निराले नर रत्न थे ।भगत सिंह चिंतक और विचारक थे,सुखराम संगठनकर्ता थे और राजगुरु का निशाना अचूक था।
उप प्रधान हरप्रसाद प्रजापति एड पार्षद ने कहा कि चारित्रवान युवाओं के निर्माण में माता की अहम भूमिका ।
पंडित दिनेश नायक ने कहा कि आर्य समाज ही वैदिक सत्य सनातन धर्म की रक्षा करने में तत्पर है ।
शिक्षक डी एल यादव ने कहा कि बच्चों की सुशिक्षा के लिए सभी जनों को अपने उत्तरदायित्व का निर्वाहन करना जरूरी है ।
इस अवसर पर भल्लू प्रजापति,पंडित रघुवीर दयाल नायक,हरप्रसाद प्रजापति एड,चंद्रभान सिंह,रविन्द्र सिंह सेंगर छोटू,दिनेश सिंह,ओम प्रकाश नामदेव,श्रीदेवी नायक,सुमन लता सेन,उमा देवी,रामाबाई,मिथलेश सिंह,जयदेवी शुक्ला,विद्या देवी घोषी,रागनी दुबे,अनुराग शेषा,डी.एल .नागल,विवेकानंद प्रजापति,राजेंद्र प्रजापति,धरमू नामदेव आदि आर्यजन उपस्थित रहें।
संचालन आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य व् आभार पंडित दिनेश नायक ने जताया।
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