Saturday, March 19, 2016

असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी आज देश में नफरत और दहशत फैलाने का दूसरा पर्याय बन चुके हैं। अभी...

असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी आज देश में नफरत और दहशत फैलाने का दूसरा पर्याय बन चुके हैं। अभी 3 दिन पूर्व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह बयान दिया कि वे “भारतमाता की जय” नहीं बोलेंगे क्योंकि भारत के संविधान में कहीं भी नहीं लिखा कि उन्हें ऐसा करना आवश्यक है। मेरा मानना है कि अपने देश के प्रति प्रेम और लगाव प्रकट करने के लिए परंपरा के तहत “भारतमाता की जय” का नारा सदियों से चलता आया है। शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खां, मौलाना अबुल कलम आजाद जैसे देशभक्तों ने कभी “भारतमाता की जय” बोलने में शर्म महसूस नहीं कि, बल्कि वे तो उसे गर्व का विषय मानते थे। ओवैसी बंधुओं को यह समझना होगा कि आज के पढ़े लिखे मुस्लिम युवा वर्ग को आप ऐसा कहकर उकसा नहीं सकते, न ही आप उनके नेता हैं क्योंकि देश के प्रति नफरत रखने वाला शख्स कभी किसी समाज का नेता नहीं हो सकता।

असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी भी देशद्रोह के मामले में जेल जा चुके हैं, जिन्होंने भारतमाता और भगवान राम को बुरा भला कहकर हैदराबाद में दंगे भड़काने का काम किया था। ये दोनों भाई देश को बांटने का प्रयास कर रहे है, मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूँ कि नफरत का जवाब हम प्रेम से ही दे सकते हैं। हम हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन सभी सम्प्रदाय के लोग आपस में एकता और प्रेम से रहें कि ओवैसी जैसे लोगों को करारा जवाब मिले। हिन्दुस्तान हमेशा सभी धर्मों और सम्प्रदायों का आदर करता आया है और करता रहेगा।


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