सत्यार्थप्रकाश: 1) इसमें कुल 377 ग्रंथों का हवाला है जिसमे 290 पुस्तकों के प्रमाण दिए गए है । इस ग्रन्थ में 1542 वेद मन्त्रों या श्लोकों का उदाहरण दिया गया है और सम्पूर्ण प्रमाणों की संख्या 1886 है । 2) इस ग्रन्थ के लेखक का स्वाध्याय कितना विस्तृत था इसका अनुमान उनके इस कथन से लगाया जा सकता है की वे ऋग्वेद से लेके पूर्वमीमांसा पर्यन्त 3000 ग्रंथों को प्रामाणिक मानते है । 3) सत्यार्थप्रकाश में इतने ग्रंथो का उद्धरण ही नही उनका reference भी दिया गया है । किस ग्रन्थ में कौनसा श्लोक या मन्त्र या वाक्य कहाँ है , उसकी संख्या क्या है - यह सब कुछ इस साढ़े तीन महिने में लिखे ग्रन्थ में मिलता है । आज कोई रिसर्च स्कोलर अगर किसी विश्वविध्यालय की संस्कृत की uptodate लाइब्रेरी में जहाँ सब ग्रन्थ उपलब्ध हो , इतने रेफरेंस वाला ग्रन्थ लिखना चाहे तो भी सालो लग जाए , जिसे ऋषि दयानंद ने साढे तीन महीने में तैयार कर दिया था ।
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