।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
प्राणायाम के 4 भाग बह्यांतर अभ्यान्तर स्तम्भवृत्ति और बह्यांतर अभ्यान्तर विष्याक्षेपि
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