आज का सुविचार (29 सितम्बर 2015, मंगलवार, आश्विन कृष्ण द्वितीया) नवीयो पदम् अक्रमुः - लकीर क्रम तोड़ नया कदम बढाओ, नया सूर्य गढ़ो। लकीर फकीरों ने जब-जब नया कदम बढ़ाया, नया सूर्य गढ़ा। स्वयं को नया करने के दो तरीके हैं (1) स्वयं नवीनीकृत होना। (2) नया कदम बढ़ाना प्रथम चरण अप्रयास भी होता है, सप्रयास भी होता है। अप्रयास नवीनीकृत होना भौतिकी संकल्पना है। सप्रयास नवीनीकृत होना भौतिकी तथा वैचारिकी प्रकल्पना है। आदमी की कोषिकाओं में परिवर्तन, उम्र में परिवर्तन भौतिकी नवीनीकरण है। मननात मंत्र नव विचार तथा विचार धारण अनुपालन भौतिकी तथा वैचारिकी संकल्पना है। मानव कोषिकाओं के परिवर्तन को औषधिजा या शुभम् द्वारा सुपरिवर्तित कर सकता है। जो यह परिवर्तन स्वयं नहीं करता चिकित्सक उसे यह परिवर्तन करने बाध्य कर देता है। (~स्व.डॉ.त्रिलोकीनाथ जी क्षत्रिय)
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