Thursday, September 17, 2015

 परनिंदा का विचार न रखे “ भाइयों , हमे किसी मे दोष देखने वा निंदा करने की प्रवृत्ति से बचना...

 परनिंदा का विचार न रखे “ भाइयों , हमे किसी मे दोष देखने वा निंदा करने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए । यह इसलिए आवश्यक है कि छिद्रांवेषी व्यक्ति को कोई भी अच्छा व्यक्ति पसंद नहीँ करता । निंदक को परनिंदा मे रस आने लगता है जिसका परिणाम यह होता है कि वह न तो किसी मे कोई गुण देख पाता है और न ही खुद कुछ सीख पाता है । निश्चय ही ऐसे व्यक्तियों को कोई पसंद नहीँ करता । यह एक मानसिक बीमारी है जो हमे अविश्वसनीय बना देती है । इसी प्रकार के लोग होते है जो अपनो के लिए भी दुश्मन तुल्य साबित होते है । यदि आपके दिमाग़ मे किसी व्यक्ति की निंदा का विचार आए तो पहले अपने दोषो के बारे मे अवश्य विचार करियेगा आप उस अन्य व्यक्ति अपने अपने मे तुलना करियेगा । निश्चित ही परनिंदा करने से बच जायेगे ।  भाइयों हमे अच्छाई हमेशा याद रखनी चाहिए बुराई को भूल जाना चाहिए ।


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