ओउम् भूपेश आर्य जिस जीवन में प्रभु के लिए प्यार नहीं,वह जीवन तो व्यर्थ ही है- यस्तन्न वेद किम्रचा...
ओउम् भूपेश आर्य जिस जीवन में प्रभु के लिए प्यार नहीं,वह जीवन तो व्यर्थ ही है- यस्तन्न वेद किम्रचा करिष्यति ।।-ऋग्वेद १/१६४/३९ अर्थ-जो परमात्मा को नहीं जानता वह ऋग्वेद से भी क्या फल प्राप्त करेगा?
No comments:
Post a Comment