नमस्ते मित्रो,
जीव के दाृरा भूतकाल में किए हुए कर्म उसका वर्तमान है और वर्तमान में किए जा रहे कर्म जीव के भविष्य का बीज है जीव को जाति (मनुष्य, पशु,पक्षी,कीडे,मकोडे,वृक्ष आदि), आयु और भोग (सुख व दुख) कर्मों के आधार पर ही मिलते है ईश्वर की बडी दया है मनुष्य के ऊपर कि ईश्वर ने मनुष्य को कर्म करने की स्वतंत्रता प्रदान की है कर्म वह कलम है जिससे मनुष्य जैसा चाहे अपना भविष्य अर्थात भाग्य लिख सकता है परंतु फिर भी हम अपने भाग्य में मोक्ष का सुख ना लिखे तो ईश्वर क्या करे । ओ३म्
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