ऐसा भी हो सकता है, कि आप तो दूसरे व्यक्ति के साथ संगठन में रहना चाहते हों, परंतु दूसरा व्यक्ति अपने स्वार्थ के कारण आपके साथ संगठन में नहीं रहना चाहता हो। ऐसी स्थिति में भी दूसरों के सहयोग से संठन बनाए रखने का प्रयास करें। लेकिन आप अपने स्वार्थ के कारण तो संगठन को न छोडें। क्योंकि संगठन में ही शक्ति है।
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