सीपीआई ( माले ) की छात्र इकाई के आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने वामदलों के छात्र संगठनों के साथ मिलकर महिला दिवस के अवसर पर मनुस्मृति के पन्ने जलाये गए क्योंकि उनका मानना है कि इसमें महिलाओं के शोषण की बात लिखी है ।
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अबे दिमागी अपाहिजो के मानस पुत्रो !
तुम इस धरती पर कलंक हो । तुम्हें क्या मालूम कि महिलाओं का मान- सम्मान किस बात में है । तुममे से एक को भी संस्कृत और सभ्यता का क ख घ भी नहीं पता । तुम्हारे कारण ही आज तथाकथिक आजादी के नाम पर महिलाएं अनादर पा रही हैं ।
महिलाओं की आजादी बारे तुम्हारे विचारों को तो भला आदमी सार्वजनिक रूप से लिखने में भी लज्जा का अनुभव करता है । तुम्हारी गन्दी मानसिकता को बताने में भी शर्म को भी शर्म आती है ।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता ।।।।।
लिखने वाले मनु महिलाओं का अनादर कर सकते हैं क्या ??????????????
लेकिन भारतीय संस्कृति को बदनाम करने की तुम्हारी राह का रोड़ा बना यह मन्त्र तुम्हे अखरता है ।
महिलाओं को बदनाम करने की तुम्हारे विचार-पोषित मानसिकता के कारण महिलाएं आज सर्वाधिक अपमानित हो रही हैं ।
केवल इसलिए कि तुम जैसे गधों को भी संविधान ने बोलने की आजादी दी है - मनु को बदनाम न करें जिसके तुम और तुम्हारे विचार-दाता पैरों की धूल भी नहीं है ।
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