पहले मुसलमानों ने कहा की राष्ट्रगीत वंदे मातरम हम नहीं गाएंगे
क्योंकि इसमें देश की आराधना की गई है जो गैर इस्लामिक है फिर यह शांतिदूत कहे कि हम हिंदुओं के हाथ का बनाया हुआ मिड डे मिल नहीं खाएंगे क्योंकि हिंदू खाना बनने के बाद थोड़ा खाना गाय को खिला देते हैं या भगवान को चढ़ा देते हैं जिससे वह खाना प्रसाद बन जाता है और कुरान के अनुसार प्रसाद खाना हराम है ..फिर कहने लगे कि अब हम राष्ट्रगान भी नहीं गाएंगे क्योंकि इसमें भारत भारत भाग्य विधाता आता है जो गैर इस्लामिक है ।
बस थोड़े साल और … फिर ये हमारे घरों में घुसकर नँगा नाच करेंगे और हम पटेल ब्राम्हण बनिया दलित क्षत्रिय इसी में उलझे रहेंगे
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Absolutely right
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