।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
मा नो निद्रा ईशत मोत जल्पि: । -ऋग्वेद 8/48/14 भावार्थ - निद्रा और बकवास हम पर शासन न करे।
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