Thursday, May 7, 2015

वेद मंदिर आफरिका खंड मे जहां बच्चो ने बनाया वैदिक राष्ट्र! By Farhna Taj कभी साथ पढ़ने वाली मेरी...

वेद मंदिर आफरिका खंड मे

जहां बच्चो ने बनाया वैदिक राष्ट्र!
By Farhna Taj
कभी साथ पढ़ने वाली मेरी एक
सहेली का मपूटो से फोन आया। उसने बताया कि उसे वहां पर
एक सैकड़ो साल पुरानी लाइब्रेरी में एक
ऐसी पांडुलिपि मिली है, जिसमें संस्कृत के मंत्र हैं,
लेकिन रेखाचित्र के माध्यम से कुछ विशेष यंत्र बनाने की
पद्धतियां बताई गई है। यहां पर हरिभाई पटेल वैदिक पुस्तकालय के इंचार्ज
हैं, जिन्होंने सैकडो साल पुराना भारतीय साहित्य सुरक्षित रखे
हुए है।
मपूटो अफ्रीकी देश मोजांबिक की
राजधानी है। यहां की सबसे बडी
खासियत यह है कि यहां एक बड़ा ही प्यारा वेद मंदिर
भी है, जहां बच्चो को वैदिक ज्ञान की शिक्षा
दी जाती है।
वेद मंत्र बच्चो को स्मरण कराती हैं यहां पर
शीतल जी, जो मूलतः मुंबई से संबंध
रखती हैं। उन्होंने वैदिक संध्या यहां आने वाले हरेक बच्चे
को याद कराई है। 1964 में दमन और दीव का शासन पुर्तगाल
के हाथ से निकलकर भारत सरकार के हाथ में आ गया, तब पुर्तगाल सरकार
ने मोजांबिक से सभी हिन्दुओं को भगा दिया, क्योंकि वहां
पुर्तगालियों की सरकार थी। सब आ गए थे भारत,
लेकिन कुछ बच्चे रह गए थे, बिछुड गए थे मां बाप से, परंतु बच्चो को
दी गई योग्य शिक्षा जन्मो-जन्मो तक अपना काम
करती है, तभी तो उन बच्चो ने बडा होने पर
अपनी ही संस्कृति पर गर्व किया और वेदों के
आधार पर यहां पर जीवन शुरू किया और आज यहां हजारों
की संख्या में वैदिक अनुयायी हैं।
मोजाम्बिक में बच्चे, जिनके मां-बाप भी उन्हें छोड गए, जब वे
इसाई मिशनरियों के स्कूलो में नहीं पढे, क्योंकि वहां ईसाई बना
दिए जाते, उन्होंने बूट पालिस की, चाय की दूकानों पर
झूठे कप धोए, लेकिन अपना धर्म नहीं छोडा और आज भारत में
कहते हैं मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया, इसलिए इस्लाम
अपना लिया, निर्धन थे, इसलिए ईसाई बन गए। मोजाम्बिक में अकेले 1500
बच्चो ने आज से 50 साल पहले वैदिक बाल संगठन बनाया और वेद मंदिर को
अपना माता-पिता और पुरषार्थ के बल पर बने समृद्ध, क्या ये धर्म बदलने
वाले इन बच्चो से कुछ सीख नहीं ले सकते!


Anand Dashora
बहुत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक
Kalpesh Patel
Kaha par hey yea

Farhana Taj
मपूटो अफ्रीकी देश मोजांबिक की
राजधानी

Sahdev Arya
संस्कृती बहुत अदभुत है हमारी फरहाना
बहन

Bhoop Pathak
very nice. Pr afsos Vedic desh bharat me hi Vedo ko
manane wale or unka gyan rakhne wale nhi milte
Kishor Makwana
कयालीखु लेखनीही रूक गइ।
ओ उ म्
भीम सैन श्रीधर
मोरिशियस में भी इसी प्रकार अपनी
संस्कृति को ज़िंदा रखा कुछ परिश्रमी आर्यों ने।
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Ramesh Rohilla
भारतीय हिन्दू इतने मुर्ख हैं कि अपने पवित्र ग्रंथ वेद
की आज्ञाओं का पालन करना नहीं चाहते. नाहक
ही साँई, पीर, सैय्यदऔर मजारों पर माथा रगड़ते
है. या फिर मुस्लिम या इसाई बन जाते हैं. लगता है मुसलमानों
की तेजी से बढ़ रही
आबादी हिन्दूओं के भारत से खदेड़ देगी तो मयुपो में
ही शरण मिल सकती forward by आरय कानतिलाल भुज-गुजरात


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