आपके जिन्दा रहते गर कोई आपकी मूर्ति बना उसपे फूल मालायें चढ़ा भोग लागवे तो आपको कैसा लगेगा, दंड दोगे ना उसे?
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उसी प्रकार से आप परमपिता परमेशर की मूर्ति बना उसपे फूल मालायें चढ़ाये और भोग लागए तो क्या आपके द्वारा ईश्वर को जीते जी मारने का दोष आप पर ना लगेगा?
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अधर्म कर ईश्वर के कोप भंजन को सहन करने में मूर्तिपूजकों को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए!
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