भेडचाल की परकाष्टा -
अमरनाथ में एक गुफा है जिसके उपर सुराख से पानी टप टप टप टप गिरता रहता है जो सर्दी के मौसम में जम कर लिंग का आकार ले लेता है तो उसे भगवान शिव का लिंग कहा जाता है | मगर सविटजरलैंड में एेसे हज़ारों आकार बनते हैं ,अंटआरटिका में एेसे लाखों आकार बनते हैं , और आपके मेरे घर के फ्रिज में ऐसे छोटे छोटे लिंग केआकार बनते हैं | आखिर ये सब किसके किसके लिंग हैं ?? और ये सारे लिंग गर्मियों में क्यों पिघल जाते हैं ? ब्राह्मण भगवान के सिर से पैदा हुए, क्षत्रिय छाती से,वैश्य पेट से, शुद्र तलवे से…तो ईसाई पारसी मुसलमान किधर से पैदा हुए ? यदि गंगा नदी शिवजी की जटाओं से निकलती है तो यमुना नील अमेज़न झेलम नदियां किसकी जटाओं से ? देवी देवता के खूबसूरत ब्लाउज़ सारी सूट परिधान को बनाने वाला कौन ? फिटिंग कौंन सा टेलर करता है ? ये देवी देवता की सवारी केवल भारतीय जानवर शेर हाथी चूहा भैंस ही क्यों? विदेशी जानवर कंगारू ज़ेब्रा डायनासोर क्यों नहीं ? ये देवी देवता के हथियार चाकू तलवार गदा त्रिशूल ही क्यों ? अब तो जमाना बंदूक मशीन गन का है , क्या आपको नहीं लगता के ये प्राचीन पाखन्ड़ लोगों की दिमाग की उपज थी ? क्योंकि वे भारत में रह कर विदेशों के जानवर नदी परिधान से अंजान थे , क्या ऐसे धर्म का आविष्कार केवल शोषण के उद्देश्य से नहीं हुआ ? हमारे देश में लक्ष्मी कुबेर की पूजा होती है मगर हम फिर भी गरीब ! जबकि अमरीका अरब अमीर! हमारे देश में इन्द्रदेव की पूजा होती है फिर भी हर वर्ष बाढ सूखा भूस्खलन आपदा ! जबकि यूरोप इंग्लैंड खुशहाल ! हमारे देश में अन्न की देवी अन्नपूर्णा की पूजा होती है परन्तु फिर भी लाखों किसान भूखमरी से आत्महत्या करते हैं ! ब्राज़ील रूस का किसान खुशहाल ! ,विद्याकी देवी सरस्वती की पूजा हमारे देश में होती है फिर भी हम अशिक्षा से ग्रस्त व अमरीका इंग्लैंड शिक्षित ! हमारे देश में पूजा पाठ जैसे ढोंग के लिये लोग उत्तराखन्ड़ गये तो लाखों भक्तों बच्चों बुढों महिलाओं को कथित भगवान किदारनाथ ने मार डाला , कभी भक्तों की बस खाई में गिर जाती है ,कभी हादसा हो जाता है- क्या आपको नहीं लगता कि आपके द्वारा ऐसे धर्म वर्म का पालन सीधे तौर पे राजनेताओं एवं धर्म के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाता है ?, यदि पूजा अर्चना करने से आपको मन की शांति मिलती है तो मुल्लाओं को मज़ार दरगाह , ईसाईयों को चर्च में भी तो मन की शांति मिलती है,क्या आपको नहीं लगता कि ये मात्र आपके मस्तिष्क का भ्रम है ? ,आखिर ऐसे धर्म ने हमें दिया ही क्या है आज तक ? सुख शांति संपत्ति तो दुनिया के करोड़ नास्तिकों के पास भी है,कृपया इस मुद्दे पर दिमाग से चिन्तन करें,दिल से नहीं|
संकल्प लें कि भविष्य में-मंदिर,मस्जिद,चर्च,मज़ार ,दरगाह आदि के स्थान पर यज्ञशाला,योगशाला,गुरुकुल, स्कूल, कालिज, अस्पताल बनाएंगें और धर्म के नाम पर चल रहे पाखंड को तिलांजलि देंगें |
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