मन बुद्धि आदि सतरह प्रकार के तत्वों से युक्त सूक्ष्म शरीर देह त्याग्ने के उपरान्त भी आत्मा के साथ रहता है,उसी पर जन्म जन्मान्तरों के संस्कार व कर्माशय रहता है जिसके आधार जीव को ईश्वर नया जन्म देता है| मन जड है आत्मा को प्रदान किया हुआ एक यन्त्र है,आत्मा चेतन,अल्पज्ञ व एकदेशी है अच्छे बूरे कर्म करने को स्वतन्त्र है परन्तु ईश्वर प्रदत्त फल को भोगने में परतन्त्र है|
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