गोबर के कंडों से “अंतिम संस्कार” क्यों करना चाहिए?
1)इससे लकड़ी बचेगी, जिससे पेड़ बचेंगे। एक शवदाह से 15 वर्ष की आयु के दो पेड़ों की रक्षा होती है।
2)पेड़ बचने से पर्यावरण की रक्षा होती है। पेड़ नहीं होंगे तो हम ज्यादा दिन नहीं बचेंगे।
3)हर वर्ष लाखों लोगों का लकड़ी पर दाह होता है। सोचिये कितने पेड़ बचेंगे।
*4)गोबर के कंडों का उपयोग बढेगा तो उससे गोपालक एवं गोशालाओं की आय बढ़ेगी। एक शवदाह से 40 गायों को एक दिन का चारा मिलता है।*
5)लकड़ी के धुंए से प्रदुषण हो सकता है लेकिन गोबर के धुंए से प्रदुषण को कम करने में सहायता मिलती है।
6)लकड़ी की राख पानी में बहाने से प्रदुषण हो सकता है लेकिन गोबर की राख पानी में बहाने से प्रदुषण मुक्त करता है।
7)इससे ग्रामीण महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा।
8)दिवंगत आत्मा एवं उनके परिवार वालों को गोरक्षा का पुण्य प्राप्त होगा।
9)सबसे बड़ी बात है कि इसमें लकड़ी जितना ही खर्च लगता है और लकड़ी जितना ही समय लगता है।
10)ये कोई नया प्रयोग नहीं है। भारत के कई स्थानों पर पिछले कई वर्षों से गोबर से शवदाह चल रहा है।
क्या आप इस अभियान को आगे बढ़ाने में कोई मदद कर सकते हैं?🙏🚩🚩🙏
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