विवेकानंद साहित्य, जन्मशती संस्करण, प्रथम खंड, अद्वैतआश्रम, ५ डिही एंटाली रोड, कलकत्ता १४, प्रकाशक स्वामी गंभीरानन्द, अध्यक्ष, अद्वैत आश्रम, मायावती, अल्मोड़ा, हिमालय है | पत्रावली – १ अंतर्गत पृष्ठ ४०० में स्वामी विवेकानंद का, ब्रिजि मेडोज, मासाचुसेट्स, मेटकाफ, २० अगस्त १८९३ के दिन, श्री आलासिंगा पेरूमल को लिखा पत्र है| इस पत्र में स्वामी जी लिखते हैं कि “यहाँ एक चुरुट का ही दाम हमारे यहाँ के आठ आने हैं|” इस समय स्वामी जी कि आयु ३० वर्ष थी, एक पक्के धुम्रपानी होने के कारण और किसी वस्तु का दाम न बता कर स्वामीजी अपनी रूचि के चुरुट का दाम बता रहे है जो कि ये दर्शाता है कि अमेरिका पहुँच कर आपने चुरुट की तलाश की थी और दाम ज्यादा होने के कारण पिया या नहीं इसका उल्लेख नहीं है |
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