तथा कथित धर्मनिरपेक्छ लोग देश के बड़े दुश्मन हैं। जहां जहां इस्लाम वहाँ वहाँ कत्लेआम और अशांति। हम अनेकों वर्ष इस्लामिक शाषण अपने देश में झेल चुके हैं फिर भी भ्रम में रहते हैं। पहले तो इन्होंने अल्पसंख्यक रहते हुए शाषण किया था, अब कुछ वर्षों के बाद ये बहुसंख्यक होने वाले हैं। उस भयानक दृश्य की आज ही हमारे समाज को कल्पना कर लेनी चाहिए। संभलने के लिए बहुत कम समय बचा है।
from Tumblr http://ift.tt/1GXD0aP
via IFTTT
No comments:
Post a Comment