“ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किंच जगत्यां जगत्. तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्य स्विध्दनम्.”
इस जग में जो कुछ भी है, गतिहीन या गतिमान, हर चीज में ईश्वर का वास है, संपूर्ण प्रकृति ईश्वरमय है। इन सब का त्याग कर के सुख भोगो और पराये धन से अनुराग मत करो। ईशावास्योपनिषद
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