l वैदिक राष्ट्रीय प्रार्थना ll
ब्रह्मन् ! स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म
तेजधारी l
क्षत्रिय महारथी हों,अरि-दल
विनाशकारी ll
होवें दुधारू गौवें, वृष अश्व आशु-वाही l
आधार राष्ट्र की हों,नारी सुभग सदा ही ll
बलवान् सभ्य योध्दा,यजमान पुत्र होव l
इच्छानुसार वर्षें ,पर्जन्य ताप धोव ll
फल फूल से लदी हों,औषध अमोघ सारी l
हो योग-क्षेम कारी, स्वाधीनता हमारी ll
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