Farhana Taj
20 hrs · Edited ·
लव जिहादी निज़ाम सरकार
‘भाग्यलक्ष्मी! नेनु नीकु चाला प्रेमचेस्ता।’’ उस युवक ने बड़ी ही आशा भरी दृष्टि से पूछा।
‘‘निजम ने राजा!’’ भाग्यलक्ष्मी ने कहा, ‘‘अय्यो रामा! नाकू चाला सिग्गू ओस्तुनई।’’
‘‘हाय, इतनी शरम!’’
‘‘और बेरशरम हो जाउ क्या?’’ भाग्यलक्ष्मी ने कहा, ‘‘लड़की विवाह से पहले ही तो शरमाती और उसके बाद तो…।’’
‘‘वर जीवनभर पछताता है,’’ युवक ने कहा, ‘‘लेकिन मैं ऐसा लड़का नहीं कि विवाह के बाद जीवनभर पछताउ!’’
‘‘तुम कोई निज़ाम हो क्या?’’
‘‘और नहीं तो क्या?’’ उस युवक ने कहा, ‘‘मैं निज़ाम ही तो हूं।’’
‘‘क्या?’’ भाग्यलक्ष्मी की आँखें आश्चर्य से फटी-की-फटी रह गई, ‘‘नुव्वु निजम चेपतुन्नावा?’’
‘‘खुदा कसम!’’
‘‘खुदा कसम?’’ भाग्यलक्ष्मी ने कहा, ‘‘अर्थात् तुम म्लेच्छ हो, तुमने मुझसे प्रेम करके मेरा धर्म भ्रष्ट किया?’’
‘‘एक शहंशाह ने तुमसे प्रेम किया और तुम कहती हो कि तुम्हारा धर्म भ्रष्ट हो गया,’’ उस युवक ने कहा, ‘‘तुम्हें तो गर्व होना चाहिए कि तुम्हें उसने चाहा है, जिसको पाने के लिए हैदराबाद रियासत की लाखों हसीनाएँ दिन में भी सपने देखा करती हैं।’’
‘‘देखा करती होंगी, लेकिन मैं उनमें से नहीं हूँ। मैं एक आर्य कन्या हूं और आर्य कन्या अपने शरीर, मन और प्रेम से ज्यादा धर्म को महत्व देती है।’’
‘‘ओह! समझा। लेकिन मेरी प्रियतमा प्रेम के आगे धर्म को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि जहाँ प्रेम है, धर्म की कल्पना भी वहीं संभव है।’’
‘‘धर्म कोई कल्पना नहीं, वह तो शाश्वत सत्य है।’’
‘‘तो क्या तुम मुझसे निकाह नहीं पढ़ोगी?’’
‘‘निकाह और तुमसे?,’’ भाग्यलक्ष्मी ने कहा, ‘‘यदि तुम हिन्दू होते तो तुमसे विवाह अवश्य कर लेती, लेकिन अब संभव नहीं।’’ फिर उसने क्रोध में कहा, ‘‘तुमने मुझसे धोखा किया है।’’
‘‘कैसा धोखा?’’
‘‘तुमने अपना धर्म छिपाकर मेरे साथ विश्वासघात किया है।’’
‘‘भाग्यलक्ष्मी, प्रेम करने वालों का कोई धर्म नहीं होता, प्रेम तो अपने आप में एक धर्म है।’’
‘‘अपनी दार्शनिकता अपने पास रखो और आइंदा मुझसे मिलने की कोशिश नहीं करना।’’
‘‘मगर भाग्यलक्ष्मी, मैं तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रह सकता।’’
‘‘अच्छा ही होगा!’’
‘‘क्या धर्म को तुम प्रेम से बढ़कर समझती हो?’’
‘‘हाँ, धर्म के आगे मेरे लिए प्रेम कुछ नहीं, प्रेम तो मिट्टी की इस काया से किया जाता है। यह काया तो नश्वर है, लेकिन धर्म तो मेरी आत्मा में जन्म-जन्मांतर के संस्कारों से पोषित है, इसलिए इसे त्यागा नहीं जा सकता।’’
निज़ाम सरकार रावण जैसे ही कामुक और पक्के लव जिहादी थे। इतने कामुक कि अश्लील फोटों का एक बड़ा संग्रह तक उन्होंने जमा कर रखा था। इन तस्वीरों को जमा करने के लिए बूढ़े निज़ाम सरकार ने अपने मेहमानखाने की दीवारों और छतों में खुफिया कैमरे लगवा रखे थे, जो उन कमरों में होने वाली एक-एक हरकत की तस्वीरे खींचते रहते थे। महल के मेहमानखाने के बाथरूम में आईने के पीछे भी एक कैमरा लगवा रखा था। यह कैमरा हिन्दुस्तान की बड़ी से बड़ी हस्तियों की फोटों निज़ाम सरकार के शौचालय में निवृत्त होने की मुद्रा में लेता रहता था।
घर वापसी page 33
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