Friday, April 13, 2018

कर्मफल का शाश्वत सिद्धांत है कि *जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा*। वास्तव में फल मिलता नहीं है ,...

कर्मफल का शाश्वत सिद्धांत है कि *जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा*।

वास्तव में फल मिलता नहीं है , फल न्याय पूर्वक सोच समझ कर माप तोल कर दिया जाता है। मोटी भाषा में लोग कह देते हैं, वैसा फल मिलेगा ।

कोई नौकर किसी सेठ के यहां नौकरी करता है , तो उसे वेतन मिलता नहीं है, सेठ अपने हाथ से उसे नापतोल कर वेतन देता है। यह उसका कर्म फल है ।


तो जिस व्यक्ति के जीवन में अच्छे गुण हों, उन गुणों के कारण वह अच्छे अच्छे कर्म करता हो , तो निश्चित रुप से उसे अच्छा ही फल मिलेगा , कुछ इस जन्म में और कुछ अगले जन्मों में। जब जिस कर्म का फल प्राप्त होने का समय आएगा , उसी समय उसको फल दिया जाएगा। चाहे समाज और सरकार देवे, चाहे ईश्वर देवे। इसलिए फल प्राप्ति में कभी संशय नहीं करना चाहिए।

लोग फल प्राप्ति में जल्दबाजी करते हैं । ठीक समय की प्रतीक्षा नहीं करते , और चिल्लाने लगते हैं कि अब तक हमें हमारे अच्छे कर्मों का फल नहीं मिला , अब तक हमें अच्छा फल नहीं मिला । यह कोई नहीं कहता कि *अब तक हमें हमारे बुरे कर्मों का दंड क्यों नहीं मिला?*

तो चिंता ना करें अच्छे बुरे सभी कर्मों का फल समय आने पर अवश्य मिलेगा। -स्वामी विवेकानंद परिव्राजक।


from Tumblr https://ift.tt/2HgBfgP
via IFTTT

No comments:

Post a Comment