विश्व पुस्तक मेले में सत्यार्थ प्रकाश की धूम
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आर्य प्रतिनिधि सभा, दिल्ली के तत्वाधान में विश्व पुस्तक मेले (11-17 जन., 2016) में आकर्षक एवं विशाल स्टॉल लगए गए । इसके अतिरिक्त मेले में परोपकारिणी सभा, अजमेर का भी प्रभावशाली स्टॉल दर्शनीय था । गोबिंद राम हासानंद आदि कुछेक और भी स्टॉल थे, जहाँ से आर्य समाजिक साहित्य की रिकॉर्ड तोड़ विक्री हुई ।
एक ओर महत्वपूर्ण बात यह देखने को मिली कि देश के कोने कोने से इन स्टॉलों के माध्यम से आर्य समाज का वैचारिक सन्देश प्रसारित करने के उद्देश्य से अनेकों कार्यकर्ता सोत्साह अपनी सेवाएं उपलब्ध कराते रहे । प्रस्तुत हैं इस अवसर से सम्बंधित कुछेक महत्वपूर्ण एवं उत्साहवर्धक झलकियाँ :
1. स्वामी सम्पूर्णानंद जी, स्वामी आत्मानंद जी, गुरुकुलो के ब्रह्मचारीगण, डा. धर्मवीर जी द्वारा आर्यसमाजिक दृष्टिकोण से शंका समाधान गैर आर्यसमाजियों को विशेष रूप से निरुत्तर और ऋषि दयानन्द की विचारधारा की तरफ झुकाने में सक्षम वा सफल भूमिका निभाता रहा ।
2. सत्यार्थ प्रकाश और वेदों के सेट खरीदने में मुस्लिम विद्वानों, मौलानाओं, मदरसा के उस्तादों की रूचि आश्चर्य और उत्सुकता का विषय रही । वे आर्य समाज की मान्यताओं को लेकर तर्क वितर्क भी करते थे परंतु वे आर्य विद्वानों के तर्क सुन प्रायः निशब्द और हतप्रभ ही दिखाई देते थे । जबकि कुछ के चेहरों पर झल्लाहट, खीज, हठधर्मिता भी रही ।
3. बागपत से मौलाना अख्तर हुसैन, जो वहां एक मदरसे के प्रमुख हैं, ने शंका समाधान में आर्य समाज के तर्क और प्रमाणों के समक्ष अपनी पराजय स्वीकार की और कहा कि उनके पास पहले से ही हिंदी वा उर्दू में सत्यार्थ प्रकाश उपलब्ध है तथा वे आर्य समाज से प्रभावित हैं ।
4. इस्लाम के तथाकथित विद्वान् ज़ाकिर नाईक के उस्ताद श्री एस ए तारिक़ ने अपने अनेकों साथियों के साथ सभा के स्टॉल में पधार कर आर्य समाज का साहित्य देखा और खरीदा ।
5. चांदनी चौक, दिल्ली से कांग्रेस नेता श्री कौसर माबूदी ने बताया कि उनके पास उर्दू में चारों वेद और सत्यार्थ प्रकाश है। उन्होंने हिंदी के मूल सत्यार्थ प्रकाश को सहर्ष खरीदा । उन्होंने आर्य समाज के वहां उत्साहपूर्ण वातावरण को देख टिप्पणी की कि आर्य समाज अब पुनः अंगड़ाई ले चुका है और आर्य युवक अपने तर्कों से अपनी क्षमता का परिचय देने में समर्थ हैं ।
6. अन्य अनेकों मुस्लिम आगंतुकों में से फुरकान खान, जावेद मियां वा फरहान आदि ने भी मुझसे बातचीत के दौरान उक्त विचारों की पुष्टि की ।
7. सुदर्शन टी वी के प्रबंध निदेशक श्री सागर जी आर्य पुरुष वा महिला कार्यकर्ताओं को सोत्साह एवं आक्रामक ढंग से सत्यार्थ प्रकाश के विक्रय की सेवा करते देख बहुत प्रभावित हुए । उन्होंने आर्यसमाज को स्वसंस्कृति और स्वधर्म की रक्षा में अग्रणी बताया । सुदर्शन टी वी ने स्वामी सम्पूर्णानंद जी का सत्यार्थ प्रकाश को ले कर एक साक्षात्कार भी रिकॉर्ड किया ।
8. इंडोनेशिया से मेले में पधारे श्री धर्म यश, जो कि वहां बाली द्वीप से थे, आर्य समाज को लेकर अत्यंत उत्साही दिखे और मुझसे 3 सत्यार्थ प्रकाश खरीदते हुए उन्होंने बताया कि वे हिंदी जानते हैं और कई बार सत्यार्थ प्रकाश पढ़ चुके है और आर्य समाज से विशेष रूप से प्रभावित हैं ।
9. आर्य प्रतिनिधि सभा के सद्प्रयासों से 10 रुपए के मूल्य पर 18000 से अधिक सत्यार्थ प्रकाश विक्रय हुए । इसके अतिरिक्त परोपकारिणी सभा ने भी 3000 से अधिक सत्यार्थ प्रकाश वितरित किए एवं अन्यान्य स्टॉलों से भी सत्यार्थ प्रकाश विक्रय हुए । इस प्रकार हिंदी भाषा में सत्यार्थ प्रकाश ने समूचे मेले में सभी भाषाओं में विक्री होने वाली किसी एक पुस्तक की सर्वाधिक विक्री का रिकॉर्ड स्थापित किया । उर्दू, अंग्रेजी वा अन्य भाषाओं में सत्यार्थ प्रकाश की विक्री इसके अतिरिक्त रही और विशेष बात यह है कि सत्यार्थ प्रकाश की यह प्रतियां मुस्लिम सहित मुख्यतः गैर आर्य समाजियों के घरों में गई ।
10. वेदों के हिंदी अंग्रेजी के सेट और आर्य समाज का अन्यान्य साहित्य भी गैर आर्य समाजियों के हाथों प्रचूर मात्रा में गया । दिल्ली सभा और परोपकारिणी सभा, अजमेर का यह प्रयास अन्य सभाओं के लिए अनुकरणीय है ।
11. आर्ष साहित्य की बड़ी मात्रा में विक्री से उत्साहित दिल्ली सभा के महामंत्री श्री विनय आर्य जी ने आगामी वर्ष के पुस्तक मेले में इसबार से दोगुने स्तर पर साहित्य प्रचार की घोषणा की । सभा के स्टॉल पर बच्चों, युवकों, महिलाओं, वृद्ध पुरुषों को समर्पित भाव से सेवा करते देखना उत्साह और आनंद का विषय रहा । युवा वर्ग बड़ी संख्या में सेवा में तल्लीन रहा ।
12. दिल्ली सभा के स्टॉल पर 17 जनवरी को स्वामी अग्निवेश उपस्थित हुए और अनेको क्रेताओं ने सत्यार्थ प्रकाश उनके ऑटोग्राफ ले कर खरीदे ।
13. मेले में इस्लामिक स्टॉलों पर मुस्लिम युवक भोले भाले हिंदुओं को आकर्षित करने में सक्रिय थे और निशुल्क कुरआन के अंक और सी डी वितरित करते रहे । इसी प्रकार ईसाई मिशनरीज़ भी निशुल्क बाइबल वितरित करते रहे ।
14. मेले में जहाँ राधा स्वामी, नूरमहल के जागृति मंच ( गुरु आशुतोष सम्प्रदाय ), कबीरपंथी, आनंद पुरी वा अन्यान्य भी देखे गए वहां बापू आसाराम के स्टॉल पर निशुल्क साहित्य वितरित करते उनके कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सक्रिय थे ।
- सुभाष दुआ 🙏🙏🙏🙏
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