“इच्छित काम को ही सफलता कहते है ”
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व्यक्तिगत उत्थान हो या समाज का उत्थान हो शिक्षा ही किसी कमजोर का मुख्य आधार होनी चाहिए जिससे कि असम्भव को भी सम्भव किया जा सकेlऊंचे से ऊंचे सपने रखने वाला व्यक्ति या समाज ही कुछ पा सकता है जो व्यक्ति या समाज सोया रहता है भाग्य अथवा व्यवस्था को ही कोसने मे समय गवाता है ऐसा व्यक्ति और समाज कभी संघर्षरत नही होता ,न कुछ हासिल कर पाता है सो हालातो से समझोता करे लेकिन उद्देश्यो पर पहनी नजर रखे, ईमानदारी से प्रयास करे,तो निश्चित ही सफलता मिलती है यदि वह सब न भी मिले,जो आपने चाहा था तब भी निराश न होवे और यह मान ले कि जितना आपने प्रयास किया था उतना ही आपको मिला है,और उस प्रयास को और अच्छे ढंग से करने कि जरूरत हैl
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