२३ जयेष्ठ 6 जून 15
😶 “ तेरी लीला ” 🌞
🔥🔥ओ३म् अनुत्तमा ते मघवत्रकिर्नु न त्वावाँ अस्ति देवता विदान: ।🔥🔥
🍃🍂 न जायमानो नशते न जातो यानि करिष्या कृणुहि प्रवृद्ध ।। 🍂🍃
ऋ० १ । १६५ । ९
शब्दार्थ ::– ओह, सच है कि हे स्वैश्वर्ययुक्त !
नि:सन्देह ऐसी कोई वस्तु नहीं है जोकि तुझसे अप्रेरित है-जोकि तुझसे प्रेरित नहीं है, तेरे समान ज्ञानवाला कोई देवता भी नहीं है,
हे परम महान् !
न तो कोई उत्पत्र होनेवाली और न कोई उत्पत्र हुई वस्तु है जो तेरे उन कर्मो तक पहुँचती है यानि जिन कर्मो को तू करेगा या कर रहा है ।
विनय :- हे सवैश्वर्यशालिन् !
मै आज देख रहा हूँ कि इस विश्व का सब-कुछ-छोटे-से-छोटा और बड़े-से- बड़ा-तेरे हिलाये हिल रहा है । ऐसी कोई भी वस्तु नहीं है जोकि तेरी प्रेरणा से प्रेरित नहीं हो रही हो । इस ब्रह्मण्ड-सागर की क्षुद्र-से-क्षुद्र और महान्-से-महान् सब लहरें तू ही पैदा कर रहा है । जगत् के अनन्त परमाणुओं में से जो एक-एक परमाणु प्रतिक्षण गतिशील है,चींटी से कुंजर तक जो सब प्राणी चेष्टा कर रहे है,मनुष्य के दैनिक समिष्ट जीवन में जो नित्य छोटे-बड़े परिवर्तन हो रहे हैं, भूकम्प,वर्षा,वायु,अग्रि,ऋतु आदि रूप से जो आधिदैविक जगत् निरन्तर बदल रहा है-यह एक जगत् क्या,ऐसे कोटि अनन्त जगत, असंख्यात सूर्य और पृथ्वियां,इस महाकाश में चक्र लगा रहे है-ये सब-के-सब,तेरी ही दी हुई गति से,तेरी ही प्रेरणा से चल रहे हैं । हम मनुष्य क्या बड़े-बड़े ज्ञानी भी तेरी असीम शक्ति का पार नही पा सकते । ज्यो ज्यों हमारा ज्ञान बढ़ता है तब तब पता चलता है कि तुम कितने महान हो ।
इस संसार में ऐसा कोई व्यक्ति महापुरष नहीं जो तेरी लीला जान सके लीला का छोर पा सके, जो तेरी लीला की अधिक-से-अधिक सच्ची,नजदीक और पूरी खबर लाता है तो वह यही खबर लाता है कि
तेरी लीला अगम्य है,
तेरी लीला अगम्य है,
तेरी लीला अगम्य है ।👏👏👏👏👏🚩🚩🚩🚩🚩👏👏👏
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ओ३म् का झंडा 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
……………..ऊँचा रहे
🐚🐚🐚 वैदिक विनय से 🐚🐚🐚
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