……….खंडन मंडन………….
खंडन तो बहुत जरूरी है खंडन बिन मंडन हो कैसे ? दिल में जब कूडा कर्कट हो प्रभु का फिर बन्दन हो कैसे ? कपडे का खंडन कर ये वस्त्र बनाये जाते हैं लोहखंड को तोडकर शस्त्र बनाये जाते हैं|
खंडन हो दाढी मूछों का तो मुंह का मंडन होता है,विषय वासना मिट जाए तो रुह का मंडन होता है,पाप मिटे दुनिया से तो भू का मंडन होता है,मैं का भाव मिटे जग से तो ‘तू’ का मंडन होता है|
सब मांज मांज के धो डालो,बिन सत्यार्थप्रकाश के प्रबुद्ध नहीं होता कोई,शास्त्रार्थ करो निर्णय खातिर यह युद्ध नहीं होता कोई,खण्डित कर दो पाखंडो को गर विष मिलता है विष पी लो,विष पी करके अमृत मिलता इस सार तत्व को मत भूलो |
खंडन तो बहुत जरुरी है खंडन बिन मंडन हो कैसे ? दिल में जब कूडा कर्कट हो प्रभु का फिर बन्दन हो कैसे ??
……………….डा मुमुक्षु आर्य
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