Friday, June 12, 2015

बल-बुद्धिनाशक चाय नहीं,आयुर्वेदिकचाय लें।’ चाय वीर्य को पतला बना देती है ।-महात्मा नारायण स्वामी’...

बल-बुद्धिनाशक चाय नहीं,आयुर्वेदिकचाय लें।’ चाय वीर्य को पतला बना देती है ।-महात्मा नारायण स्वामी’ चाय ने हमारे हजारों स्त्री-पुरूषों की भूखउड़ा दी है ।-महात्मा गाँधी’ चाय-कॉफी से बुद्धि का नाश होता है ।-स्वामी दयानंद सरस्वती’ चाय से अनिद्रा-रोग होता है, स्मरणशक्ति नष्ट होती है तथा मूत्राशय कमजोर हो जाता है।-एडमंड शेफोटसबरी’ चाय पीने से थकावट मिटती नहीं अपितु बढ़ती है ।-डॉ. खिस कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय’ चाय से नासूर पैदा होता है ।-डॉ. हंसकेसर वोंशिन्ग्टन (अमेरिका)’ चाय पीने से पेट की गड़बड़ियाँ बढ़ रही हैं ।-डॉ. कार्तिकेय बोस’ चाय पीने से नेत्रों के नीचे कालापन और मानसिक उदासी छा जाती है ।-डॉ. जे डब्ल्यू. मार्टिन’ चाय के बाद पेशाब में यूरिक एसिड दुगना हो जाता हैं ।-प्रो. मेंडल’ बच्चों को चाय पिलाना शराब पिलाने से भी अधिक हानिकारक हैं ।-डॉ. लीला क्लाइस्ट’ दिन में तीन कप चाय पीने से मासंपेशियों में खिंचाव, सनायुरोग, चिंता, भय, ह्रदयकम्प तथा मस्तिष्क के रोग हो जाते हैं ।-डॉ. गिनमैन (अमेरिका)’ चाय-कॉफी से रक्तचाप बढ़ता है ।-मारिस फिशबेन’ चाय-कॉफी का अधिक सेवन करनेवालों को स्वप्नदोष आदि बिमारियाँ हो जाती हैं ।-हेरी मिलर’ चाय पीने से कब्ज होता है ।-डॉ. ब्लाडखाली पेट चाय-कॉफी से धातुनाश होता है, कमर कमजोर होती है, गुर्दे और वीर्यग्रंथियों को नुकसान पहुँचता है तथा ओज क्षीण व वीर्य पतला हो जाता है । अगर वीर्य ही पतला हो गया, ओज ही क्षीण हो गया तो इससे बड़ा घाटा और क्याहो सकता है? अत: सावधान! अपने और दूसरों के स्वास्थ्य की रक्षा करें, चाय से खुद बचें व दूसरों को बचायें ।आयुर्वेदिक चायलाभ– इस पेय के सेवन से शरीर में स्फूर्ति व मस्तिष्क में शक्ति आती है । पाचनक्रिया में सुधार होता है और भूख बढ़ती है । सर्दी, बलगम, खांसी, दमा, श्वास, कफजन्य ज्वर और न्युमोनिया जैसे रोग होने की सम्भावना कम हो जाती है । इसे ओजस्वी चाय नाम दें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।सामग्री(१) गुलबनपशा २५ ग्राम(२) छाया में सुखाये हुए तुलसी के पत्ते २५ ग्राम(३) तज २५ ग्राम(४) छोटी इलायची १२ ग्राम(५) सोंफ १२ ग्राम(६) ब्राह्मी के सूखे पत्ते १२ ग्राम(७) छिली हुई जेठीमधु १२ ग्रामविधि– उपर्युक्त प्रत्येक वस्तु को अलग-अलगकूटकर चूर्ण बना के मिश्रित कर लें । जब चाय-कॉफी पीने की आवश्यकता महसूस हो, तब मिश्रण में से ५-६ ग्राम चूर्ण लेकर ४०० ग्राम पानी में उबालें । जब आधा पानी बाकी रहे तब नीचे उतारकर छान लें । उसमें दूध-खांड मिलाकर धीरे-धीरे पियें । चीन जैसेदेशों में तो आयुर्वेदिक चाय का प्रचलन बढ़ रहा है, फिर हमारे देशवासी चाय-कॉफी पीकर अपनी तबाही क्यों करें ?


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