।।ओउम्।।
पीछे तो हर कोई पोस्ट डाल सकता है माँ के दूध का सच तो तब जाहिर होता है जब ललकार के चुनोती दी जाये ।
भगवान शब्द पर राक्षसी भ्रम निवारण -
“ ऐश्वर्यस्व समग्र धर्मस्य यशस: श्रिय: ।
ज्ञानवैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरणा ।।
सम्पूर्ण ऐश्वर्य , धर्म , यश , श्री , ज्ञान , तथा वैराग्य …. इन छह विशेषताओ का नाम है ’ भग ‘
अत् जिस प्रकार धन वाले को धनवान कहते है बल वाले को बलवान कहते है उसी प्रकार जिसके पास भग ( छह विशेषताये ) है उसे भगवान कहते है ।
परमेश्वर/ परमात्मा मे ये सभी विशेषताए है अतः परमेश्वर ’ भगवान ’ कहलाता है । उसी प्रकार संसार के जिन महापुरुषो मे उपरोक्त छह विशेषताए है उन्हे भी भगवान कहा जा सकता है । जैसे - भगवान श्री राम , भगवान श्री कृष्ण , भगवान पाणिनि , भगवान पतंजलि ……………. भगवान दयानंद इत्यादि ।
परन्तु भगवान होते हुए भी ये महापुरुष परमेश्वर नहीँ कहे जा सकते , क्योकि किसी भी महापुरुष मे परमेश्वर की अपेक्षा अल्पज्ञता , अल्पशक्तिमत्ता बनी रहती है ।
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acchi post hain ....om
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