"संसार अनित्य है। सांसारिक पदार्थों से यथायोग्य लाभ लेने में दोष नहीं है। परन्तु किसी भी जड चेतन..."
“संसार अनित्य है। सांसारिक पदार्थों से यथायोग्य लाभ लेने में दोष नहीं है। परन्तु किसी भी जड चेतन पदार्थ में मोह माया रखना उचित नहीं है। क्योंकि”
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