जिस-जिस के योग से जो-जो उत्पन्न होता है वह-वह ईश्वर के उत्पन्न किए हुए बीज , अन्न , जलादि के संयोग से घास ,वृक्ष और कृमि आदि उत्पन्न होते हैं; बिना उनके नहीं ।जैसे हल्दी ,चूना और नींबू का रस दूर-दूर से आकर आप नहीं मिलते; किसी के मिलाने से मिलते हैं ।उनमें भी यथायोग्य मिलाने से रोरी होती है ।अधिक न्यून वा अन्यथा करने से रोरी नहीं होती ।वैसे ही प्रकृति परमाणुओं को ज्ञान और युक्ति से परमेश्वर के मिलाए बिना जड़ पदार्थ स्वयं कुछ भी कार्य सिद्धि के लिये विशेष पदार्थ नहीं बन सकते ।इसलिए स्वभावादि से सृष्टि नहीं होती ,परमेश्वर की रचना से होती है ।
सत्यार्थ प्रकाश ,अष्टम समुल्लास ।
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