।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
प्राण-प्रदाता, संकट-त्राता, हे सुख दाता ओम् ओम्
सविता माता पिता वरेण्यं, धारण धाता ओम् ओम्
तेरा शुद्ध स्वरूप धरें हम, विश्व विधाता ओम् ओम्
प्रज्ञा प्रेरित कर सुकर्म में, मोक्ष प्रदाता ओम् ओम्
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