रामायण से(११)
जब प्रतापरबि भयउ नृप
फिरी दोहाई देस ।
प्रजा पाल अति बेदबिधि
कतहुँ नहीं अघ लेस ॥
अर्थात्—जब प्रतापभानु राजा हुआ, देश में उसकी दुहाई फिर गई ।वह वेद में बताई हुई विधि के अनुसार उत्तम रीति से प्रजा का पालन करने लगा ।उसके राज्य में पाप का कहीँ लेश भी नहीं रह गया ।
#ध्यान दें—
राजा प्रतापभानु वैदिक नीति के अनुसार शासन करते थे ।इसलिए उनके राज्य में नाममात्र के लिए भी कोई पाप नहीं करता था ।
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