हमारे ईसाई मित्र और ईसाई मिशनरी हमेशा से ही यह
झूठ फैलाते आये है की हजरत ईसा मसीह ने लोगो के
पापो के कारण अपना बलिदान दे दिया । जो इसाई
ऐसा प्रचार करते है शायद उन्होंने अपनी इंजील को
ध्यानपूर्वक नहीं पड़ा या फिर जानबूझ कर संसार को
बहकाते है। कृपया निचे लिखे वाक्य पढिये – १.) हे मेरे
पिता ! जो हो सके तो यह कटोरा ( सूली की मृत्यु )
पास से टल जाए ।( मत्ती २६-३९) २.) यदि हो सके तो
यह मौत की घड़ी टल जाए( मार्क १४-३५ ) ३.) यह
बात कह कर यीशू आत्मा में घबराया ( योहन्ना
१३-२१ ) ४.) उसने अपने शरीर के दिनों में ऊँचे शब्दों से
पुकार कर और रोकर ,उसे जो मृत्यु से बचा सकता था
,विनती की ,निवेदन किये ( इब्रानियो को पत्र
५-७ ) ५.) यीशु ने बड़े जोरो से पुकार कर कहा – हे मेरे
इश्वर तूने क्यों मुझे त्यागा है ? ( मत्ती 27-4) क्या
स्वंय प्रसन्नता के साथ देश और जाति पर बलिदान
होने वालो की यही चींख पुकार होती है ? सुनो
शहीदे आजम भगत सिंह के फांसी के वक्त क्या वचन थे
” मेरा रंग दे बंसती चोला .. आदि ” इसको कहते है
अपनी स्वेच्छा से समाज और देश के लिए अपना
बलिदान ।
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