Monday, March 23, 2015

एक बार तपस्वी से एक जिज्ञासु ने पूछा की स्वामी जी आपने आज तक यह नही बताया की मृत्यु के उपरान्त क्या...

एक बार तपस्वी से एक जिज्ञासु ने पूछा की स्वामी जी आपने आज तक यह नही बताया की मृत्यु के उपरान्त क्या होता है? उसकी बात सुनकर तपस्वी मुस्कुराये, फिर उन्होंने उससे पूछा, पहले मेरी एक बात का जवाब दो । अगर कोई व्यक्ति कही जा रहा हो और कही से आकर उसके शरीर में विषभुझा बाण घुस जाए तो उसे क्या करना चाइये? पहले शरीर में घुसे बाण को हटाना ठीक रहेगा या फिर देखना की बाण किधर से आया है और किसे लक्ष्य कर मारा गया है । जिज्ञासु व्यक्ति ने कहा पहले तो शरीर में घुसे बाण को तुरन्त निकालना चाइये, अन्यथा विष पुरे शरीर में फेल जाएगा…तपस्वी ने कहा, बिलकुल ठीक कहा तुमने, अब यह बताओ की पहले इस जीवन के दुखो के निवारण का उपाय किया जाए या मृत्यु के बाद की बातों के बारे में सोचा जाए .. जिज्ञासु व्यक्ति अब समझ चूका था और उसकी जिज्ञासा शांत हो गई । ऐसे ही सवाल आजकल के लोग करते है, इस जगत को कौन बनाया, किसलिए बनाया, यह जगत सिमित है या असीमित है, ईश्वर है या नही है , अगर इनके सवालो के जवाब उसे मिल जायेगे तो उनके दुःख दूर हो जायेगे इन उत्तरो से क्या पूछने वाले का विकाश सम्भव है क्या …

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