Wednesday, March 25, 2015

माननीयों सांसदों!! स्वतन्त्र भारत को चाहिये- [१]-समानता के विधान वाला ‘संविधान’,न कि...

माननीयों सांसदों!!

स्वतन्त्र भारत को चाहिये-

[१]-समानता के विधान वाला ‘संविधान’,न कि ‘एक देश-दो विधान’ वाला Constitution।

[2]-राजनीति(प्रजाहित की नीति),न कि ‘फूटनीति-स्वार्थनीति-भ्रष्टनीति’,

[३]-धर्म(यतोअभ्युदय नि:श्रेयससिध्दि:स धर्म:)सापेक्षता,न कि ‘धर्मनिरपेक्षता’।

[४]-धर्मसापेक्षता,न कि ‘सेकुलरिज्म’।

[5]-पारस्परिक सौहार्ध्द,न कि ‘साम्प्रदायिक सौहार्ध्द’।

[६]-सर्वात्तम प्राचीन भारतीय संस्कृति,न कि ‘मिलीजुली संस्कृति’।

[७]-‘सर्वधर्म समभाव’ की यथार्थ व्याख्या,न कि वर्तमान विकृत व्याख्या।

[७]-योग्य प्रतिभाओं को अनिवार्य आरक्षण, न कि जाति-पन्थ’ आधारित आरक्षण।

[८]- राष्ट्रवाद,न कि ‘व्यक्तिवाद-परिवारवाद-वंशवाद-जातिवाद-……’ ।

[९]-जोड़ने की मानसिकता,न कि ‘बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक,स्वर्ण-दलित,आदि आदि’ में तोड़ने की मानसिकता।

[१०]-भारतीयता से ओत-प्रोत अनिवार्य एकसमान शिक्षानीति,न कि वर्तमान शिक्षानीति।




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