Saturday, March 28, 2015

पाखंड, अन्धविश्वास, ढोंग और कुरीतियां का भंडाफोड़- १. “अमरनाथजी” में शिवलिंग अपने आप बनता...

पाखंड, अन्धविश्वास, ढोंग और कुरीतियां का भंडाफोड़-

१. “अमरनाथजी” में शिवलिंग अपने आप

बनता है।

( यह न बताना कि गर्मी पाकर पिघल

जाता है और

झरने का पानी टपक-2 कर गुफ़ा में

जमता रहता है

क्योंकि वहाँ धूप नहीं लगती और तापक्रम

शून्य से

नीचे रहता है।)

२. “माँ ज्वालामुखी” में

हमेशा ज्वाला निकलती है।

( यह न बताना कि ज्वालामुखी सदियों तक

आग व

लावा उगलते रहते हैं)

३. “मैहर माता मंदिर” में रात को आल्हा अब

भी आते हैं ( यह न बताना कि रात

को पाखन्डी वेष

रख कर आता जाता है)

४. सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर में

3000 बम

में से एक का भी ना फूटना ( ये न

बताना कि ये बम

आज भी नहीं फ़ट सकते क्योंकि ये

जखिरा ही निष्क्रिय था)

५. इतने बड़े हादसे के बाद भी “केदारनाथ

मंदिर”

का बाल ना बांका होना ( ये न

बताना कि इतने बड़े

ठोस चबूतरे पर कोई भी ईमारत पानी के

बहाव

को सह लेगी)

६. पूरी दुनिया में आज भी सिर्फ “रामसेतु के

पत्थर”

पानी में तैरते हैं ( ये न बताना कि ये

मूँगा पथर है

जो ज चट्टान से अलग होकर कहीं भी तैर सकते

हैं

क्योंकि इनकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते

की तरह

होती है)

७. “रामेश्वरम धाम” में सागर का कभी उफान



मारना ( ये न बताना कि अगर समुद्र तट के

अन्दर

पहाड़ी हो तो उफ़ान कभी नहीं आता)

८. “पुरी के मंदिर” के ऊपर से

किसी पक्षी या विमान का न निकलना ( ये



बताना कि हर पक्षी व विमान

का रास्ता निश्चित

होता है और खतरे या किसी चोटी से

हमेशा दूर उड़ते

हैं)

९. “पुरी मंदिर” की पताका हमेशा हवा के

विपरीत

दिशा में उड़ना। ( यह न

बताना कि पताका के पास

हवा सीधी चलती है क्योंकि नीचे हवा घूमकर

आती है

जिससे लगता है कि हवा विपरीत दिशा से

चल

रही है। )

१०. उज्जैन में “भैरोंनाथ”

का मदिरा पीना ( यह न

बताना कि भक्त उस मदिरा का सेवन कर जाते

हैं)

११. गंगा और नर्मदा माँ (नदी) के

पानी का कभी खराब न होना ( यह न

बताना कि यह

बात पुरानी हो गयी है और पानी को सड़ाने

से बचाने

के लिये अब वह बैक्टीरिया नष्ट हो चुके हैं।

अब

पानी संडास से भी खराब हो चुका है)




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