Monday, January 11, 2016

नास्तिक कहता है:- मेरा मुक्का नजदीक या तेरा भगवान ??? ========================= आस्तिक:-सर्वव्यापक...

नास्तिक कहता है:-
मेरा मुक्का नजदीक या तेरा भगवान ???
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आस्तिक:-सर्वव्यापक होने के कारण मुक्के में भी ईश्वर है इसलिए ईश्वर ही नजदीक है |
✊ मुक्का 👊 तो दूर ही है, पास में ईश्वर है । सृष्टि के आरंभ से ईश्वर था, है और रहेगा । तेरा मुक्का अभी बना है, लेकिन किस क्षण तू भी शक्ति हीन हो जाएगा, जो तुझे भी पता नहीं ।
*प्रशन:-नास्तिक यदि मुक्का मार कर यह कहे की देखो मेरा मुक्का ही नजदीक था तेरा भगवान नजदीक होता तो उसने तुझे मेरे मुक्के से बचाया कयो नही ?
उत्तर:- कौन निकट है, उस पर वैसा उत्तर दिया। अब मुक्का मारने का कर्म जो करेगा, उसे अच्छे बुरे का फल भी परमात्मा जरूर देगा ।इसका एक और साकरात्मक अध्यात्मक जवाब यह भी है की मुक्का तो बहुत दूर है वह शरीर तक ही है हमारा ईश्वर तो हमारी आत्मा के अन्दर तक है
मुक्का और शरीर भौतिक है भौतिक को भौतिक से रोका जा सकता है या हानि भौतिक की हो सकती है |
नजदीक वाला काम नहीं आया ऐसा नहीं है
नजदीक वाला आत्मा का रक्षक है
वह रक्षा करता है |
ईश्वर उस मुक्के से बचने की बुद्धि देता है
सहन करने का सामर्थ्य देता है
जबकी नास्तिक व्यक्ति सहन नहीं कर पायेगा | जितना आस्तिक सहन कर सकता
है,नास्तिक शरीर की हानि को ही बड़ी हानि मानता है जबकी आस्तिक की मान्यता ऐसी नहीं होगी |
*प्रशन:-फिर मुक्का मारने वाला अपना काम कर गया तब ईश्वर ने कया किया ?
उत्तर:-ईश्वर सर्वव्यापक होने से हमारे नजदीक है इसमे तो कोई शंका नही है लेकिन कर्मफल की दृष्टी से जीव कर्म करने में स्वतन्त्र है ..इसका यह अर्थ नहीं कि ईश्वर दूर है…
ईश्वर समीप से समीप है…अणु अणु में गति उस सर्वव्यापक परमातमा की ही दी हुई है….
फिर भी यदि कोई मूर्ख नास्तिक न समझे तो इसका जवाब यही देना चाहिए की
मेरा ईश्वर मेरे अंदर है और उसका
मुक्का तेरे मुक्के से ज़्यादा नजदीक है
बता कहाँ जड़ूँ?
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*सार:-नास्तिक मूर्ख लोग प्राय ऐसा ही सोचते हैं और बोलते हैं…सामने वाला बलशाली होगा तो मुक्के को रोकेगा और मुक्का जड देगा…कहेगा ईश्वर ने मुक्का लगवाया है आदि आदि….
इसलिए ऐसे मूर्खो की ओर ध्यान न देना चाहिए |
साभार:-विद्वानो से वार्ता
प्रेषक:-नरेश खरे


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